वज़ह की खोज में सुबह से शाम हो गई, बेवजह ही सारी खुशियाँ तमाम हो गई । मुद्दतें गुज़र गई इसकी वज़ह जानते-जानते, बेवजह ही ये वज़ह सरेआम हो गई । दिल ना चाहा कभी किसी से गिला भी करें, फिर ये शिकवा बेवजह सी मेरे नाम हो गई । सितमगर सितम की वजह ना बता सका, बेवजह ही सितमगर अवाम हो गई । Challenge-126 #collabwithकोराकाग़ज़ 8 पंक्तियों में अपनी रचना लिखिए :) #वजहबेवजहसी #कोराकाग़ज़ #yqdidi #yqbaba YourQuote Didi YourQuote Baba Aरिफ़ Aल्व़ी #YourQuoteAndMine Collaborating with कोरा काग़ज़ ™️