स्पर्श किया था किसी के हृदय को, मैंने खुली आँखों से, जान पाया था मर्म को, किंचित हृदयस्पर्शी नज़र आया। हटाकर स्वाभिमान की परत, जो देखा मैंने मेरे चश्में से, यथार्थ को तब पहचाना, सब कुछ पारदर्शी नज़र आया। #VKpoetry53 *पोस्ट को हाईलाइट करना ना भूलें। #vkpoetry #collabwithvkpoetry 🏵️ कैप्शन को ध्यानपूर्वक पढ़कर रचना करें 👇