मुक्तक: मेरे आँसू प्रियतम बहने देता है...
नमस्कार मित्रों!!!
दोस्तों कभी-कभी रोना भी लाज़मी होता है, बशर्ते पास कोई काँधा हो!!! जी कोई हमारा अपना, प्रियतम, मित्र, बंधु,सखा, भाई, बहन, वली इनमें से कोई भी नाम दो!!! उन सबसे हमारा दोस्ती का रिश्ता पहले है, और वांछनीय भी है। उन काँधों में अपने सुकूँ का बोझ रखते हैं, हम दिल खोलकर रोते हैं। मित्रता दिवस आने पर, गर कोई ऐसा हो तो उसे बधाई ज़रूर दें!!!
दोस्तों मेरी यह मुक्तक 'मेरे आँसू प्रियतम बहने देता है...' आप सभी के लिए हाज़िर है, उल्लेखित बात को लेकर!!!
और सुनिए मेरी इस कविता को!!! शेयर लाइक कमेंट ज़रूर करें!!! धन्यवाद!!!
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