'कृतज्ञता की भावना' कोई बुराई कर रहा, मतलब उनके दिल में सँवर गए हैं हम, क्यों जाऊँ ख़िलाफ़ उनके, अब तो उनसे निखर गए हैं हम। कमियाँ गिनाने को, कितनी गहराई से पढ़ते वो मेरी तहरीरें, क्यों करूँ मैं सवाल, जब उनकी आदत से सुधर गए हैं हम। देखो! ग़ुरूर भी नहीं उन्हें, सरेआम बातें मेरी किया करते हैं, क्यों उठाऊँ उँगली उनके सहारे तो नीचे से ऊपर गए हैं हम। ख़ास उनका किरदार, उनके साथ तराशता मेरी भी दास्तान, क्यों चाहूँ बुरा, उनकी हँसी से जाते-जाते से ठहर गए हैं हम। कोसूँ या कहूँ मैं उन्हें शुक्रिया, सब नज़रिये का फर्क़ है 'धुन', क्यों गिनाऊँ ग़लतियाँ,'मैं' मैं ही रही जैसे, जिधर गए हैं हम। Rest Zone 'कृतज्ञता की भावना' #restzone #rztask69 #rzलेखकसमूह #sangeetapatidar #ehsaasdilsedilkibaat #yqdidi #कृतज्ञताकीभावना