जानवरों से भी बदतर ये तेरी पहचान है, तू इन्सान के नाम पर कलंक है हैवान है, निर्दोष निरीह प्राणियों का तू हत्यारा है, राक्षसों को भी शर्मशार करे वो शैतान है। उस निर्दोष ने तुम्हारा क्या बिगाड़ दिया, फल में रखकर उसे बारूद खिला दिया, बेशर्मों शर्म भी शर्म से डूबकर मर जाए, तूने उस प्राणी का दुनिया उजाड़ दिया। तेरी ये गलती माफी के नहीं लायक है, तुझे शर्म नहीं तू बिलकुल नालायक है। तुझको जल्द इसका फल मिल जाएगा, तू भी इसी तरह से बेमौत मारा जाएगा। The Writer Junction आप कवियों कवयित्रियों का इस प्रतियोगिता में स्वागत करता है। पंक्तियों की कोई बाध्यता नहीं है। #yqdidi #yqbaba #yqyourquoteandmine #thewriterjunction #निर्दोषजीवtwj 👉 आपकी रचना मौलिक होनी चाहिये। 👉 समय सीमा - 05 जून 2020 सुबह 11:30 तक 👉 कृपया हमारे Hashtags बरकरार रखें। 👉 कृपया Collab करने के पश्चात Comment में Done करें।