क्या लिखूँ मैं कैसे लिखूँ मैं भय का आभास है चहुं ओर अत्याचार, मारकाट और कोरोना का प्रभाव है किसी भी अखबार में पढ़ लो सब में यही खबर बारंबार है टी वी न्यूज चैनल में भी इन्ही सब का भण्डार है चहुं ओर आतंक का आलम छाया है अधिकतर इंसान ने हर जगह धोखा खाया है अपना ही अपनों पर भरोसा नहीं कर पाया है हे ईश्वर कैसी ये तेरी माया है अपने ही अपनों से लड़ रहे हैं बच्चे मां बाप से अकड़ रहे हैं बड़े बूढ़े का लिहाज़ नहीं है संस्कार भी पीछे हट रहे हैं इधर कोरोना ने फैलाया प्रकोप है चारों तरफ फैला मातम और शोक है भय की स्थिती बनी हुई है क्या लिखूँ मैं अब जिंदगी बेहाल हुई है .................................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #क्यालिखूँ # Pankaj Singh Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय" Anshu writer Pawan Rajput @123 Ravikant Pandey # RKSoni