मुझे आपसे है शिक़ायत बहुत मुहौबत में की है किफ़ायत बहुत कि पहलू बदलते रहे रात भर हुई आपकी ना इबादत बहुत बुरा कुछ नहीं जो मुझे भी पढ़ो अगर है कुरानों कि आयत बहुत क्यूँ मैं गुनाहों से तौबा करूँ अगर दूर है ये क़यामत बहुत ख़ुदा के लिए अब इधर आइये चलो हो गयी ये शरारत बहुत वो मुझसे लिपट कर ये कहने लगे कि "सैफ़ी" लगाते हो तोहमत बहुत किफ़ायत - कंजूसी तोहमत - इल्ज़ाम #cinemagraph 122 122 122 12