दांव फिर से नया लगाया जा सकता है, गंवाया है जो अब तक, क्या फिर से कमाया जा सकता है? मिट्टी को हाथों मे समेटे हुए अक्सर मै ये सोचता हूं इससे क्या कुछ नहीं बनाया जा सकता है राहों पर चलकर मिले मंजिल ही ये जरूरी तो नहीं उन रास्तों पर खुद को खुद से मिलाया जा सकता है ये मुस्कुराता चेहरा जो देखता है जमाना उसे इक बात से रूलाया जा सकता है कितना भी दूर क्यों ना चला जाऊं मै मुझे बस एक आवाज से बुलाया जा सकता है #दांव #राह #मंजिल #yqdidi #yqbaba