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नफ़रत सी हो गई इस ज़माने और समाज से मुझे.... चाहे

नफ़रत सी हो गई इस ज़माने और समाज से मुझे....
चाहे कुछ भी हो पर मैं तो हर पल चाहूंगा सिर्फ़ तुझे...
और जिसने भी हिमाकत की है तेरी आंखों में आंसू लाने की...
उसको इक माकूल सा जवाब देकर चुप कराना है मुझे..

बस शांत रह जाता हूं तेरा चेहरा जो आ जाता है सामने...
वरना जवाब तो मैं यूं दूं की उनके पैर लगेंगे काँपने...

कितनी तकलीफ होती है न तुझे मेरी वजह से....
पर हिम्मत नहीं होती तुझसे दूर रहने की...
और सिर्फ़ मेरे दूर होने से सब खुश रहेंगे...
पता नहीं क्या है लोगों की अपना फटा दिखता नहीं...
और दूसरो में टांग अड़ाए फिरते हैं...


बहुत गंदे इंसान होते हैं वो जो बोलने का सलीका नहीं जानते...
कहलाने को तो वो शिक्षित हैं पर गंदगी से भी बद्तर ज़िंदगी है उनकी...

और बस तू इक बार इजाजत दे दो...
मैं उन्हें उनके जवाब का बहुत सुदृढ़ जवाब दे दूंगा..

©इक _अल्फाज़@ars
  #गुस्सा