हकीकत तेरी भी उतनी जनाब जानता है जितना ही तू भले को खराब जनता है।। गुमराह कर रहा तू बातों से जिसे अपनी वो मासूम तेरे सारे ही ख्वाब जनता है के बचपन से जानता हूँ तुझे उतना साहब जितना के जाके मुझको तू आज जानता है जो मासूम तुम्हें अब तक मूर्ख समझ आया वो नादां "तू कबूतर नहीं-है बाज"जानता hai ---@आदर्श द्विवेदी #merikalamse #mereAshaar