गीत वे नहीं जो गाये जायें गीत वे हैं जो सराहे जायें। गीत वे नहीं जो गाये जायें गीत वे हैं जो अन्तर्मन को भाये। गीत वे भी नहीं जो समाज बिगाड़े गीत वे हैं जो समाज बनाये। गीत वे नहीं जो गाये जायें गीत वे हैं जो प्रेम बढ़ाये। गीत वे नहीं जो सिर्फ मन को भाये गीत वे हैं जो कण कण को भाये। ●आशीष●द्विवेदी● ©Bazirao Ashish गीत वे नहीं जो गाये जायें गीत वे हैं जो सराहे जायें। गीत वे नहीं जो गाये जायें गीत वे हैं जो अन्तर्मन को भाये।