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सुर्ख़ प्राचीन अतीत के पन्नों की धूल मिटाये न मिटती

सुर्ख़ प्राचीन अतीत के पन्नों की धूल मिटाये न मिटती है,
लौट आओ स्वदेश, विदेशी फिजायें यूँ ही बहकती हैं,
अपने ही देश की मिट्टी सोना उगले हैं,क्यो भूल गये,
देखा नही भीषण महामारी में तेरी ही मौजूदगी खटकती हैं। 🎀 Challenge-390 #collabwithकोराकाग़ज़

🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 

🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 

🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 4 पंक्तियों अथवा 40 शब्दों में अपनी रचना लिखिए।
सुर्ख़ प्राचीन अतीत के पन्नों की धूल मिटाये न मिटती है,
लौट आओ स्वदेश, विदेशी फिजायें यूँ ही बहकती हैं,
अपने ही देश की मिट्टी सोना उगले हैं,क्यो भूल गये,
देखा नही भीषण महामारी में तेरी ही मौजूदगी खटकती हैं। 🎀 Challenge-390 #collabwithकोराकाग़ज़

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🎀 Challenge-390 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 4 पंक्तियों अथवा 40 शब्दों में अपनी रचना लिखिए। #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #कोराकाग़ज़ #अतीतकेपन्ने