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उतरते देखा आसमां से चांद ज़मीं पे, एक ख़्वाब सा आ

उतरते देखा आसमां से चांद ज़मीं 
पे, एक ख़्वाब सा आंखों में बह गया।

नज़र पड़ी जो रोशनी में तेरे नूर पे, 
 बेचारा दिल ,धड़क के रह गया।

किसे संभालू, किस का ख़्याल रखूं, दिल 
ज़ुबां ओ होश ,सबका दम निकल के रह गया।

पता ही न चला, कब किधर किस ओर निकल
 गए, बहार के झोंकों को दिल तरस के रह गया।

©Anuj Ray
  #बेचारादिल ...