चेहरे पर अजब सी मुस्कान जिस्म ठंडा है. लहू जैसे जम गई है तेरी मुस्कान अभी जिंदा है. कुछ कहना है मगर कहूं कैसे यहां लोगों का पहरा है. कह रहे हैं लोग तुम्हारी आखिरी सफ़रनामा हैं. कुछ पल और देख लेने दे घूर कर तुझे मुझे. सफ़र तेरी आज जन्म जन्मांतर का पहरा है. कहना है बहुत आज मगर कहूं कैसे यहां लोगों का पहरा है. अवध की रचनाएं #nojotohindi #Nojote #dil #kavi #pencil #poet #love #emotion #story #2lines #4lines