Nojoto: Largest Storytelling Platform

ज़ख्म तुमने दिए थे, मैने अपने दिल में सिले थे। गहर

ज़ख्म तुमने दिए थे, मैने अपने दिल में सिले थे।
गहरे थे ख़्वाब मेरे, हां मुझे जो तुमने ही दिए थे।

अश्क मेरे तुमने भिगोए, जो ज़ख्म मेरे गहरे थे,
दर्द मुझे भी तुमने दिए थे, बेदर्द तुमसे मिले थे।

खफ़ा हर वक्त सिलसिले, रहे मेरे जो तुमरे थे।
ख़्वाब मेरा गहरा सिला, दिए तुम जब-जब थे।

हर वक्त मिलकर साथ, यार जब रहते हम थे।
मंज़िल कहा मुकर्रर "हार्दिक" , हम ही जब थे।

- स्वचरित रचना हार्दिक महाजन

©Hardik Mahajan
  #walkalone 
#shayari
#gazal
#अशआर
#Merikalamse✍️ 
#hardikmahajan 
13_06_2023
hardikmahajan8946

_

Silver Star
Super Creator
streak icon29

#walkalone #Shayari #gazal #अशआर Merikalamse✍️ #hardikmahajan 13_06_2023

919 Views