White बहुत दिन हो गइल, देखले तुहार सूरतिया बहुत याद आवेला, तुहार मीठी मीठी बातिया। तोहरे ही गम में रहेली हम, दिनवा और रतिया तू ना याद करेलू का, ये मोर कालेज के संघतीया। हमके याद कईले रहतू, वहीं पुरनका अंदाज में त शायद हम कब्बो ना डुबल होती शराब में । हम इतना ना तोहके देखती ख्वाब में भले ही तू बदल गईलू लेकिन तोहार दिहल सुखल गुलाब राखल बा, आजो किताब में। ©Ramashish Chaudhary #hindi_diwas