धीरज मत खो रख हिम्मत तू कदम बढ़ा मंज़िल की ओर। कबतक रात रहेगी काली आएगी फिर उजली भोर।। देर भले हो सुख आने में लेकिन एक दिन आएगी। फूल खिलेंगे खुशहाली के हर सूरत मुस्काएगी।। बेरंगी जीवन में सबके रंग भरेंगे सतरंगी। अपने भी जो साथ नहीं वो चलेंगे कल बनके संगी। रिपुदमन झा "पिनाकी" धनबाद (झारखण्ड) स्वरचित एवं मौलिक ©Ripudaman Jha Pinaki #हिम्मत