तेरी कहानी का मैं जिम्मेदार नहीं हूं और तेरी खताओं का गुनहगार नहीं हूं सदके मैं बैठकर इतराओ न हमदम मैं तेरी दुआओं का तलबगार नहीं हूं!! किस्मत में लिखा जो वो हमको मिलेगा मैं किसी बद्दुआ का हकदार नहीं हूं मुमकिन नहीं हुजूर के सदके में सर झुके किसी का गुलाम नहीं बस जरा वफादार हूं ताज और खिताब अरे मुबारक रहे तुम्हें सिकंदर हूं अपनी मर्जी का सरकार नहीं हूं ✍️✍️ ©Anuj thakur "बेख़बर" तलबगार