दहलीज पर मेरे शाम खड़ी हुई है अब जबसे मेरे घर बेटी बड़ी हुई है गांव जाऊंगा और हल चलाऊंगा शहर में बहुत महंगाई पड़ी हुई है - Rampal Udaipur दहलीज पर मेरे शाम खड़ी हुई है अब जब से मेरे घर बेटी बड़ी हुई है गांव जाऊंगा और हल चलाऊंगा शहर में बहुत महंगाई पड़ी हुई है - Rampal Udaipur