भोली सूरत का किसी ने हँसता हुआ मकान देखा है जो गुजरती है हर शाम इधर से इन दीवारों पर उसका , किसी ने नाम देखा है डाकिया तू गुजरता है , हर रोज मेरे दरबाजे से सुन डाकिए तूने अपने थैले में उस हसीना का पैगाम देखा है हाँ बस मैंने देखा है उसे अक्सर मेरे ख्वाबो में ख़्वाब मेरे तू बताता क्यो नही उससे ज्यादा खूबसूरत कोई ख़्वाब देखा है ✍️रिंकी #izhaar #इज़हार #खूबसूरत #यकदीदी #यकबाबा #यकबेस्टहिंदीकोट्स #यकज़िन्दगी #यकभाईजान