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rinkikumari8858
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रिंकी✍️

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रिंकी✍️

जनता प्यारी सुनो हमारी
अब से लड्डुओं की सारी की सारी 
भोग तुम्हारी....।
चढ़े मिठाई और  मिले मलाई
नेता राज में अब जनता आई
जनता मेरी पलंग पर सोए
नेता मेरी उसका कुर्ता धोएं
पैर दबेंगे जनता के 
अब पैर धुलेगे जनता के
जनता प्यारी सुनो हमारी
तुम नहीं हो अबला 
और हम नहीं है भ्रष्टाचारी
लक्ष्मी मैया और कुबेर भैया 
रख दिए थाली में 
कट जायेंगे यह पांच साल भी,
एक कंबल और एक साड़ी में।
जब तक इलेक्शन का शोर रहेगा
अब से यही नारा हमारा हर ओर रहेगा
जनता प्यारी सुनो हमारी
जेब से होगा अब पऊआ भारी
जनता मेरी भोली वाली 
✍️रिंकी ऊर्फ चंद्रविद्या




 
— % & #सुखीकौनहै #collab #yqdidi #इलेक्शन #YourQuoteAndMine #नेताऔरजनता
Collaborating with YourQuote Didi
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रिंकी✍️

जनता अब जाग जाग 
        ✍️👇
कविता अनुशीर्षक में पढे— % & भाग–भाग अब भ्रष्टाचारी 
चहु दिशा यही राग हमारी
अब भड़क उठी जनता मेरी
बस बहुत हुआ !
ले ह्रदय में आग –आग
जनता मेरी अब जाग –जाग
ले खींच अब ....
तलवार हाथ में

भाग–भाग अब भ्रष्टाचारी चहु दिशा यही राग हमारी अब भड़क उठी जनता मेरी बस बहुत हुआ ! ले ह्रदय में आग –आग जनता मेरी अब जाग –जाग ले खींच अब .... तलवार हाथ में #यकदीदी #नेताऔरजनता #जनताकीआवाज़

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रिंकी✍️

बेटी आंखो में जो चुभे 
तब वो कांच हो गई
जब बेटी एक के बाद एक
बेटे की ख्वाहिश में
बेटी पांच हो गई
बड़ी तो पढ़ न सकी
उससे छोटी ठीक से बढ़ न सकी 
बाकी के अभी बहुत छोटे है 
बाप की कमाई से 
ठीक से उनका पेट भर न सकी 
अब औरत और आदमी दोनो कमाते है
सबसे छोटी छह महीने की छोटी है
मां की गर्माहट के लिए
दिन रात वो रोती है।
बड़ी छोटी को सीने से लगाती है।
कभी अपनी उंगलियां
सकी मुंह में चटाती है।
बड़ी तो बड़ी नहीं उम्र से
लेकिन जिम्मेदारियों से बड़ी हो गई
मां तो नहीं रहती घर में 
लेकिन बड़ी .....
बहनों के लिए मां बनकर खड़ी हो गई
✍️रिंकी बेटी आंखो में जो चुभे 
तब वो कांच हो गई
जब बेटी एक के बाद एक
बेटे की ख्वाहिश में
बेटी पांच हो गई
बड़ी तो पढ़ न सकी
उससे छोटी ठीक से बढ़ न सकी 
बाकी के अभी बहुत छोटे है

बेटी आंखो में जो चुभे तब वो कांच हो गई जब बेटी एक के बाद एक बेटे की ख्वाहिश में बेटी पांच हो गई बड़ी तो पढ़ न सकी उससे छोटी ठीक से बढ़ न सकी बाकी के अभी बहुत छोटे है #बालिकादिवस #राष्ट्रीय_बालिका_दिवस #यकहिन्दी #यकबाबा

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रिंकी✍️


तपाक से रोटी चकले पर बेली 
और सटाक से तवे पर
बेलन पर बैठ गई उसकी हथेली 
बेलन– चकले की सहेली 
थोड़े सने आटे हाथो में 
थोड़े अनमने ढंग से लगे 
उसके कुछ बालों में 
बन रहे है हाथों में कुछ गोल गोल से
एक बराबर बनाए गये 
जैसे तोल मोल के
फिर बेलन –हाथो का कमाल
घूम रहा चकले पर जैसे कोई थाल।
गर्म– गर्म ,नरम –नरम से ....
तवे पर सिकती
तेरी हाथो की रोटी चूल्हे से निकली

✍️रिंकी ऊर्फ चंद्रविद्या 
तपाक से रोटी चकले पर बेली 
और सटाक से तवे पर
बेलन पर बैठ गई उसकी हथेली 
बेलन– चकले की सहेली 
थोड़े सने आटे हाथो में 
थोड़े अनमने ढंग से लगे 
उसके कुछ बालों में

तपाक से रोटी चकले पर बेली और सटाक से तवे पर बेलन पर बैठ गई उसकी हथेली बेलन– चकले की सहेली थोड़े सने आटे हाथो में थोड़े अनमने ढंग से लगे उसके कुछ बालों में #यकदीदी #यकबाबा #बेलन_और_रोटी

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रिंकी✍️

रंग बिरंगी प्यारी– प्यारी
कुछ नीली , कुछ पीली सी
कुछ पतंगों के लाल गाल है
कुछ पतंगे है हरी गुलाबी ,
चटकीली भड़कीली सी
मेरी पतंग है नीली – सी
दूर आसमान में वह उड़ती जाती
सभी पतंगों से है वह पेंच लड़ाती
कभी उलझती कभी सुलझती 
कभी हवाओं में गोते खाती
मुझको मेरी पतंग है भाती
✍️रिंकी ऊर्फ चंद्रविद्या



 #मेरीपतंग #पतंगें #बालकविता #यकदीदी  #क़िस्मत #collab #yqdidi
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रिंकी✍️

I love kites
some kites are white
But My kite is blue 
Like brand New
my kite is flying
far in the sky
It has a tail 
just like sea blue whale 🐋 #mykite #justlikebluewhale
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रिंकी✍️

बड़ी बड़ी जरुरते कहां है मेरी
मैं तो खुश हूं 
उन छोटी छोटी खुशियो से भी 
जो तुम लोगों से है जुड़ी
बच्चों की खुशियों में भी ढूंढ लेती हूं 
अपनी मुस्कुराहटे ।
तुम्हारे घड़ी से लेकर 
तुम्हारे सट के बटन तक का है ख्याल मुझे
बड़ी बड़ी जरुरते नहीं है मेरी
मैं तो चूड़ी वाले को भी देखकर
खुश हो जाती हूं ।
एक साड़ी खरीदती हूं 
उसमें भी थोडा मोल भाव कराती हूं।
शाम होते ही सोचती हूं, क्या बनाऊं ?
आज बच्चो को क्या पढ़ाऊं  ?
बस इसी में बीत जाता है दिन मेरा
जरुरते ज्यादा नहीं 
बस इतनी रही 
कि काश हर रोज पूछते
तुम हाल मेरा 
✍️ रिंकी ऊर्फ चंद्रविद्या


  #पूछो_मेरा_हाल #पूछोकैसेहैं #जरूरत_हैं_तेरी
#दिलनहींहारता #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
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रिंकी✍️

तुम्हारी पायलो की छन छन
सुबह होती है शुरू 
और शाम को खत्म
तुम्हारी शैतानियों की कहानियां 
कहता है घर का हर कमरा और आंगन
तुम्हारे बेतुके से सावल 
और अटपटे से जवाब
तुम्हारी जिद्द और उस जिद्द में मेरी हार 
मुझे हैं पसंद 
माना डांटती हूं ,
कभी कभी मारती भी हूं
लेकिन तेरे आगे मैं
मेरी बच्ची हमेशा हारती हूं ।
 तुम्हारी पायलो की छन छन
सुबह होती है शुरू 
और शाम को खत्म
तुम्हारी शैतानियों की कहानियां 
कहता है घर का हर कमरा और आंगन
तुम्हारे बेतुके से सावल 
और अटपटे से जवाब
तुम्हारी जिद्द और उस जिद्द में मेरी हार

तुम्हारी पायलो की छन छन सुबह होती है शुरू और शाम को खत्म तुम्हारी शैतानियों की कहानियां कहता है घर का हर कमरा और आंगन तुम्हारे बेतुके से सावल और अटपटे से जवाब तुम्हारी जिद्द और उस जिद्द में मेरी हार

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रिंकी✍️

मेरी आंखे नहीं खुलती ।
जब तक तुम्हारी गालियां.....
मेरे कानों तक न आए।
मेरी तो हर सुबह ऐसी ही होती हैं
तुम्हारी डांट और सुबह की चाय ।
मेरे हर कामों में ..…
तुम कमियां निकालती हो...।
नहीं देखती जगह अब भी ,
आता है गुस्सा...
तो डांटने लग जाती हो
सच बताऊं तो बुरा लगता है मुझे
कि मां अब हम बड़े हुए
लेकिन तुम्हारे लिए , हम कब बड़े हुए 
मां.. वो तुम्ही हो 
जो मेरी थाली में , एक रोटी ज्यादा डालती हो
मेरी जरूरतों का ख्याल , मुझसे ज्यादा है तुम्हे
जो सोती नहीं आंखे रात भर वो तुम्हारी है
रात में हट जाए चादर मेरे ऊपर से 
ठंड में वो तुम्ही हो मां
जो मेरे ऊपर डालती हो।
✍️रिंकी ऊर्फ चंद्रविद्या



 #रातकाअफ़साना #मां_की_ममता #मां_तेरा_कोई_मोल_नही  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi    #rzसुबहकेसपने
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रिंकी✍️

बड़े बड़े काम 
बड़ी – बड़ी बाते ,
कहां गई तुम्हारी वो मस्तियां ,
गई कहां तुम्हारी शरारते ।
तुम उठ जाते हो वक्त से पहले
निकल जाते हर रोज ...
सुबह तुम काम पर..।
मुझे याद नहीं ठीक से
आखिरी बार कब खिलखिलाए थे तुम 
यूं खुद के पेट को थाम कर
मैं तुमसे कुछ बड़ी थी उम्र में
लेकीन शायद बड़े तुम थे 
उम्र का तक़ाज़ा है 
या है ज़िम्मेदारी का बोझ
उम्र तो छोटी ही रही
बड़ी हो गई तुम्हारी सोच
✍️रिंकी ऊर्फ चंद्रविद्या
 Hello Resties! ❤️ 

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