Nojoto: Largest Storytelling Platform

# लिखने की ख़्वाहिश रखता हूं लेकि | English Shayar

लिखने की ख़्वाहिश रखता हूं लेकिन कुछ लिख ना पाता हूं
दिल की बातें मैं क्यों आखिर काग़ज़ पर रख ना पाता हूं

ना आलिम हूं ना फाज़िल हूं, ना इस महफिल के क़ाबिल हूं
ख़ुद अपनी नज़रों में भी तो मैं ना-शाइस्ता, जाहिल हूं 
तारों से भरी इन बज़्मों में आने से मैं कतराता हूं

मक़बूल सुखनवर-शायर हैं कितने इस रोशन महफिल में
odysseus9022

Odysseus

Bronze Star
New Creator

लिखने की ख़्वाहिश रखता हूं लेकिन कुछ लिख ना पाता हूं दिल की बातें मैं क्यों आखिर काग़ज़ पर रख ना पाता हूं ना आलिम हूं ना फाज़िल हूं, ना इस महफिल के क़ाबिल हूं ख़ुद अपनी नज़रों में भी तो मैं ना-शाइस्ता, जाहिल हूं तारों से भरी इन बज़्मों में आने से मैं कतराता हूं मक़बूल सुखनवर-शायर हैं कितने इस रोशन महफिल में #Poetry #Song #Best #Hindi #writing #Shayari #urdu

4,315 Views