PICNIC* How both ends meet मेरी वो खुशी पहले से कहीं मरी हुई है जिसका मैं उत्सव* मनाने जा रहा हूं, लौटते हुए मेरा वो जाने से पहले सोचना मैं किन हसरतों का गला दबाने जा रहा हूं। मैं किन हसरतों का गला दबा के आ रहा हूंः