Nojoto: Largest Storytelling Platform

PICNIC* How both ends meet मेरी वो खुशी पहले से क

PICNIC* How both ends meet

मेरी वो खुशी पहले से कहीं मरी हुई है
जिसका मैं उत्सव* मनाने जा रहा हूं,
लौटते हुए मेरा वो जाने से पहले सोचना
मैं किन हसरतों का गला दबाने जा रहा हूं।


मैं किन हसरतों का गला दबा के आ रहा हूंः
PICNIC* How both ends meet

मेरी वो खुशी पहले से कहीं मरी हुई है
जिसका मैं उत्सव* मनाने जा रहा हूं,
लौटते हुए मेरा वो जाने से पहले सोचना
मैं किन हसरतों का गला दबाने जा रहा हूं।


मैं किन हसरतों का गला दबा के आ रहा हूंः