'मां' कितना छोटा सा शब्द है ना, दो पूरे अच्छर भी नहीं है और पूरा संसार खुद में समाहित कर लेती हैं वो, ना जाने कौन सी शक्ति है इसमें कि एक दुबली पतली सी काया होती है खुद से खुद के लिए एक संसार तक की रचना कर लेती है, 9 माह गर्भ में रखकर हमें जन्म देकर उस खुद के पुनर्जन्म के बाद भी उस समय भी तू मेरा जन्म याद करती है और ना जाने कितनी ही बार इसी तरह से हर वक़्त खुद की हर ख्वाहिशों को ताक पर रखकर तू मेरी ओछि सी जरूरतों के लिए भी दिन रात कर देती है मां तू सच में तू धरती पे ईश्वर का दूसरा अवतार होती है। love u MAA MAA