उसमे और. मुझमे बस एक ही फर्क है ......मैं ठहरा हुआ आज हूँ वह गुजरा हुआ कल.....आने वाले कल की न मुझे कोई फ़िक्र है न उसे कोई खबर. है ..... ख्वाहिशे हजारो है .उसकी भी मेरी भी .....फ़िक्र क्यों करे जब हमारे पास समय अनंत है ...... ख्वाहिशे और गतिशील समय. की सार्थकता ...