Nojoto: Largest Storytelling Platform

इतने नादान भी नहीं हो तुम जो फर्क गम और ख़ुशी का

इतने  नादान भी नहीं हो तुम  जो फर्क गम और ख़ुशी का न समझ सको तुम
रोते रहो नहीतर ही भीतर  पर तुम्हे हंसी को होठो पर सजाना है

क्या पाया है तुमने  और  क्या तुम्हे पाना था
जो भी मिलेगा जीवन मे  उसे पाकर भी फिर गवाना है

©Parasram Arora
  इतने नादान

इतने नादान #कविता

1,572 Views