नि:शब्द है भारत की भूमि ++++++++++++++++++++ अद्भुत ध्वनि गूंज रही है नि:शब्द है भारत की भूमि प्रश्न चिन्ह भी आज शांत चित्त है , घर्म - साधना सब है अधुरी। विरूद्ध - अवरुद्ध सब प्रयोग है, शस्त्र , संस्कृति है जरुरी। कुचल रहा लाशों को लाश है, उपदेशों का संचार है जरुरी। लय हत्यारों का है मृदुभाषी, आत्मशुद्धि है अब मजबूरी। सच कि गहराई में डुबकी लगा लो, शस्त्र क्रांति से निकलेगी प्रकाश पुरी। युग अग्रसर है झुकने को, विडम्बना से बनालो दूरी। अहिंसा दुबका बैठा है ह्रदय में, प्रगाढ़ बनो जला कर मशाल तुम, जगमग होगा साकार यही सच है पुरी। अद्भुत ध्वनि गूंज रही है, नि:शब्द है भारत की भूमि।। 8888888888888888888 प्रमोद मालाकार की कलम से 11111111111111111111111111111111 ©pramod malakar #निशब्द है भारत की भूमि