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जब हमारी महत्पूर्ण संस्थायें निजी हाथों में होंगी,

जब हमारी महत्पूर्ण संस्थायें निजी हाथों में होंगी,यानी बिजली की रेट एक सेठ तय करेगा,अनाज की रेट एक सेठ तय करेगा,रेल और बस का किराया एक सेठ तय करेगा,हॉस्पिटल और स्कूल की फीस  भी एक सेठ तय करेगा ,
आपको क्या बोलना है क्या नही, यह भी एक सेठ तय करेगा
तो लोकतंत्र कन्हा बचा फिर,ये तो पूजिवाद तंत्र हो जाएगा
आप पुनः महंगाईयी के बोझ में अपने आपको 
एक आर्थिक गुलाम जिंदगी की तरह महसूस करेंगे जो आगे 
मानसिक गुलामी में परवर्तित हो जाएगी और यह सामजिक गुलामी में परवर्तित हो जाएगी जो बहुत ही खतरनाक है
अतः आप समय रहते इनकी चाल को समझो,
और जनता को भी समझाओ खुद व बच्चों के भविष्य की खातिर अन्याय के खिलाप लड़ो ,जब आप एकता से अपने  
को गुलामी से बचाने के लिए लड़े तो निश्चित ही जीत मिलेगी
अगर चुप रहकर अन्याय सहते रहे तो आपको आने वाली पीढ़ी माफ नही करेगी आपको पता होना चाहिए 1857 की आजादी की क्रांति अपने चापलूस लोगों की वजय से विफल होने पर
हमें आजादी के लिए और कितने लम्बे समय का इंतजार करना पड़ा
कितने लोगों की जाने गई और कितना लोगों को दर्द सहना पड़ा

©Er.Mahesh
  #Indian फ्रीडम
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Er.Mahesh

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#Indian फ्रीडम

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