जहां के बन्धनों की तोड़कर जंजीर निकलेगा, कहीं पर वीर निकलेगा कहीं महावीर निकलेगा, हमारे राष्ट्र की संचेतना में स्वस्ति मंत्रो की, ध्वनी को घोलने घर घर से अग्निवीर निकलेगा, -पं. महेन्द्र मधुर ©kavi mahendra madhur #agniveer