Nojoto: Largest Storytelling Platform

बुर्खे मे लिपटकर रहती है ,उसकी आंखे बहोत कुछ कहेती

बुर्खे मे लिपटकर रहती है ,उसकी आंखे बहोत कुछ कहेती है ।
करीब से देखा नही अभी तक ,
मगर हाँ,कुछ सहमी सहमी सी रहती है ।।
बात करने का दिल तो बहोत बार हुआ ,
शुरुआत केसे करु ? येह सवाल हुआ ।
दोस्ती का ही अर्ज करके हाथ आगे बढ़ाया,
थोडा डर के ही सही पलकें जुकाये अपना लिया ।।
सलाम वालिकुम से शुरु खुदा हाफिज़ से बात खतम कर देती थी ,
वो लबो से कम आँखो से ज्यादा कहती थी ।।
ईद-ए-मिलाद पे सुरत उसकी देखी थी ,
नजर ना लगे इसलिए काजल लगाये गुम रही थी।।
इश्क़ -ए-नूर का सिलसिला शुरु हो गया था ,
तसरिफ़ जब से रखी थी उसने सुकू मिल गया था।।
मोहरम को निकाह तैह हो गया था ,
खुदा ने हमारा रिश्ता क़ुबूल कर दिया था ।। #  
इश्क़-ए-नूर
बुर्खे मे लिपटकर रहती है ,उसकी आंखे बहोत कुछ कहेती है ।
करीब से देखा नही अभी तक ,
मगर हाँ,कुछ सहमी सहमी सी रहती है ।।
बात करने का दिल तो बहोत बार हुआ ,
शुरुआत केसे करु ? येह सवाल हुआ ।
दोस्ती का ही अर्ज करके हाथ आगे बढ़ाया,
थोडा डर के ही सही पलकें जुकाये अपना लिया ।।
सलाम वालिकुम से शुरु खुदा हाफिज़ से बात खतम कर देती थी ,
वो लबो से कम आँखो से ज्यादा कहती थी ।।
ईद-ए-मिलाद पे सुरत उसकी देखी थी ,
नजर ना लगे इसलिए काजल लगाये गुम रही थी।।
इश्क़ -ए-नूर का सिलसिला शुरु हो गया था ,
तसरिफ़ जब से रखी थी उसने सुकू मिल गया था।।
मोहरम को निकाह तैह हो गया था ,
खुदा ने हमारा रिश्ता क़ुबूल कर दिया था ।। #  
इश्क़-ए-नूर