मै गीता मुझे इश्क़ कुरान से है । यही जज्बात दोनों में आम से हैं । है लिखे अलग-अलग हाथो से लेकिन, कलम की स्याही के पन्ने पे दर्द एक से हैं। चोट किसको कितनी लगी क्या खबर, बहता हुआ खून हम दोनों में यार एक से है। हर दर्द में वो मेरे साथ खड़ा क्यों नहीं ? एक यही दर्द इंसान को हर इंसान से है। सब बांट कर अलग कर भी दो तो, हम दोनों की रूह एक औ जान एक से है । मोहब्बत पर यकीं कहीं उठ ना जाए , इसलिए हम दोनों के जुबां चुपचाप से है । लड़ कर जो जंग जीत ली तो, क्या फायदा ? जंग में खोए अपनो के जान एक से है । कोशिश है दुनिया की हमे जुदा करना मगर मेरे अल्लाह मेरे भगवान औ मैं अनजान से है । ©दिया_एक_लेखिका #nationalism #nation #love #creation #religion