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*श्लोक* ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ उभ्याभ्यामेव पक

*श्लोक*
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उभ्याभ्यामेव पक्षाभ्यां यथा खे पक्षिणां गतिः।
तथैव ज्ञानकर्मभ्यां जायते परमं पदम्।।
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   *अर्थ*
दोनों पंखों से पक्षी जैसे आकाश में संचार करते हैं, वैसे ही ज्ञान और कर्म इनकी जोडी मिल कर ही मनुष्य को सर्वोच्च पद देते हैं ।।
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 #NojotoQuote !!सुभाषितं!!
*श्लोक*
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उभ्याभ्यामेव पक्षाभ्यां यथा खे पक्षिणां गतिः।
तथैव ज्ञानकर्मभ्यां जायते परमं पदम्।।
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   *अर्थ*
दोनों पंखों से पक्षी जैसे आकाश में संचार करते हैं, वैसे ही ज्ञान और कर्म इनकी जोडी मिल कर ही मनुष्य को सर्वोच्च पद देते हैं ।।
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 #NojotoQuote !!सुभाषितं!!