अनाथ/अनाथाश्रम.... कुछ लोग तुम्हें अनाथ कहते हैं.......कहते हैं कि..... बेचारी/बेचारा अनाथ हैं...इसका कोई सहारा नहीं..... कुछ लोग तुम्हें दया कि दृष्टि से.....देखते हैं...... कि इसका कोई साथ देने वाले नहीं.... लेकिन मेरी नज़र में तो.....सबसे खुशनसीब, तुम ही हो... क्योंकि हमारा जो भ्रम .......हमारे कई साल बड़े होने के बाद... टूट जाता है....(कि हमारे परिवार में इतने सारे लोग है.... जो हमेशा हमारे साथ है...) उस भ्रम से तुम्हें.......ईश्वर ने..... बचपन से ही दूर रखा है..........और तुम्हें हिम्मत के साथ...... बचपन से ही.....अकेले चलना सिखाया......... ख़ुद के लिए लड़ना सिखाया... और इस दुनियां का सामना करना सिखाया.... मेरी नज़र में तो....तुम ही तो ... सबसे मज़बूत इंसान हो...तुम ही तो ... सबसे मजबूत इंसान हो... ©purvarth #anaath