किसीको नीचा दिखाना, किसीकी मजबूरियों का सरे आम तमाशा बनाना हम अपने उसूलों पे चलते रहे, इक हद तक चुप रहे, रिश्तों की खातिर झुकते रहे फिर भी घर से हुए बेघर, छूटा अपना आशियाना जो कितना अपना सा था, अब हुआ बेगाना... हर किसी के जीवन में कुछ ऐसा न कर पाने का मलाल रह ही जाता है। #नहोसका #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #quotesbybatulhafiji #yqbaba #yqhindi #yqquotes