क्या पता ऐसा हो, हो या न हो ? कि उन फ़ासलों की मजबूरियाँ, तेरे लबों पे आके रुकी हो इस तरह, कि जब तक तुम, लफ़्ज़ों में न बयां न कर दो, इन फासलों का दर्द यूँ भी जब तलक, क्या पता ये दूरियाँ कम हो, हो या न हो क्या पता? #glorywrites #kittuquote #yqbaba #yqdidi #yqquotes #YourQuoteAndMine Collaborating with Kirti Dixit #SAJALsays