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तेरी साड़ी के पल्लू को ओड़े मैं इतराती थी, रानी बिटि

तेरी साड़ी के पल्लू को ओड़े मैं इतराती थी,
रानी बिटिया कहती थी तू कितना लाड़ जताती थी।

शाम पहर जब घर को ना लौटू ढूंढन तू  आजाती थी,
झूठी-मूठी डांट लगाकर मुझको तू समझाती थी।
खाना मैं जो ना खाऊँ तो मन भावन सब पाती थी,
सोना चाहूं जो मैं फिर तेरी ही गोदी  भांती थी।

तेरी साड़ी के पल्लू को ओड़े मैं इतराती थी,
रानी बिटिया कहती थी तू कितना लाड़ जताती थी।

टेढ़ी-मेढ़ी मेरी रोटी को  तू  गोल बताती थी,
भैया मुझको तंग जो करता माँ तू सबक सिखाती थी।
नानी घर जब भी जाती तू मुझको संग ले जाती थी,
मेरी नानी माँ भी मुझसे बेहद  प्यार जताती थी।

तेरी साड़ी के पल्लू को ओड़े मैं इतराती थी,
रानी बिटिया कहती थी तू कितना लाड़ जताती थी। #Mothersday #Maa #NojotoHindi #Him1408 #गीत #unconditionallove #nojotoindore
तेरी साड़ी के पल्लू को ओड़े मैं इतराती थी,
रानी बिटिया कहती थी तू कितना लाड़ जताती थी।

शाम पहर जब घर को ना लौटू ढूंढन तू  आजाती थी,
झूठी-मूठी डांट लगाकर मुझको तू समझाती थी।
खाना मैं जो ना खाऊँ तो मन भावन सब पाती थी,
सोना चाहूं जो मैं फिर तेरी ही गोदी  भांती थी।

तेरी साड़ी के पल्लू को ओड़े मैं इतराती थी,
रानी बिटिया कहती थी तू कितना लाड़ जताती थी।

टेढ़ी-मेढ़ी मेरी रोटी को  तू  गोल बताती थी,
भैया मुझको तंग जो करता माँ तू सबक सिखाती थी।
नानी घर जब भी जाती तू मुझको संग ले जाती थी,
मेरी नानी माँ भी मुझसे बेहद  प्यार जताती थी।

तेरी साड़ी के पल्लू को ओड़े मैं इतराती थी,
रानी बिटिया कहती थी तू कितना लाड़ जताती थी। #Mothersday #Maa #NojotoHindi #Him1408 #गीत #unconditionallove #nojotoindore