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लफ्ज़ लफ्ज़ मेरी बात मे, अब तेरा ही ज़िक्र रहता ह

लफ्ज़ लफ्ज़ मेरी बात मे, 
अब तेरा ही ज़िक्र रहता है, 
दिल की खाली गलियों मे, 
एक तेरा ही इंतज़ार रहता है, 
कट रही थी जिंदगी, 
सांस ले रहे थे हम, 
तुझसे मिल के जिंदगी, 
आज फिर से जीने का मन करता है!!

©Harshita Arya
  #Hidden_feelings #terasaath #humdono