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ठिकाने कायनात में अक्शर बदल जाते है लिबाज़ भी समय

ठिकाने कायनात में 
अक्शर बदल जाते है
लिबाज़ भी समय 
समय पे बदल जाते है

जज़्बा रहे जिसका 
हमेंशा ऐ कायम
उनकी कश्ती को तूफान में 
भी किनारा मिल जाता है..!!

©Gautam Kothari #आर्यवर्त
ठिकाने कायनात में 
अक्शर बदल जाते है
लिबाज़ भी समय 
समय पे बदल जाते है

जज़्बा रहे जिसका 
हमेंशा ऐ कायम
उनकी कश्ती को तूफान में 
भी किनारा मिल जाता है..!!

©Gautam Kothari #आर्यवर्त