सुगंध के बिना पुष्प
तृप्ति के बिना प्राप्ति
ध्येय के बिना कर्म
एवं प्रसन्नता के बिना
जीवनव्यर्थ है..
इसीलिए सदा प्रसन्न रहिए!!
#आर्यवर्त#विचार
Gautam Kothari
सुकून उतना ही देना प्रभु
की जिसमें जिंदगी चल जाए..
औकात उतनी ही देना प्रभु
की जिसमें औरों का भला हो जाए..!!
रिश्ते में गहराई उतनी ही देना प्रभु
की जिसमें रिश्तो की गहराई निभ जाए..
आँखों मे शर्म उतनी ही देना की प्रभु
बड़ो का लिहाज-मान रख वो पाए..!! #कविता#आर्यवर्त