मिलकर भी ना मिल पाए हम, कोई बात तो होगी ना कितना रोकें दिल को अब, आँखों से बरसात तो होगी ना! क्यूँ करवाया आमना-सामना हमारा, जब जुदाई लिखी थी..? जिस घड़ी मिले आप, हमें जहाँ में ख़ुदा की ख़ुदाई दिखी थी ! बड़े अरमानों से रखा था, प्यार की राह पर पहला कदम, मालूम ना था, चंद दिनों का है इश्क़,उम्र भर जुदाई लिखी थी! 🎀 Challenge-454 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 इस विषय को अपने शब्दों से सजाइए। 🎀 रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। 🎀 अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।