मैं दिन रात सिर्फ तुम्हारा ही इंतजार करता हूँ, तुम्हें देखकर ही जगता हूँ, सजता संवरता हूँ। एक पल भी तुमसे दूरी, मैं सह नहीं पाता हूँ, चाहकर भी अपनी जुबां से, कह नहीं पाता हूँ। बेताबी देखकर तुम चुप ना रहो, कुछ तो कहो, कम से कम तुम, अब तो मुहब्बत समझ लो। Challenge -29... #collabwithप्रेमलेखन #प्रेमलेखन #अब_तो_मुहब्बत_समझ_लो 👔- सभी लेखक अपनी रचना 6 लाईन में लिखे । 👔- सभी लेखक ज्यादा से ज्यादा कोलब करें । 👔- इस प्रतियोगिता का विजेता कल सुबह 9 बजे टेस्टीमोनियल के माध्यम से घोषित किया जायेगा । 👔- धन्यवाद ।। #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine