आसमानों से ज़मीनों को मिलाने वाले झूटे होते हैं ये तक़दीर बताने वाले अबतो मरजाता है रिश्ता ही बुरे वक्त़ों पर पहले मर जाते थे रिश्तों को निभाने वाले जो तिरे ऐब बताता है उसे मत खोना अब कहाँ मिलते हैं आईना दिखाने वाले - शकील आज़मी आसमान को ये जमीन