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बहुत कमाल के होते हैं हालातों से टूटे हुए लोग। सब

बहुत कमाल के होते हैं हालातों  से टूटे हुए लोग।
सबको संभालते हैं मगर खुद बिखर जाते हैं।।
खुद के सपनों के कब्रिस्तान पर बैठकर, सबके सपने पूरे करना चाहते हैं,
सो लेते हैं खुद के हाथों का ही तकिया बनाकर, अपना सहारा भी खुद ही बन जाते हैं,
सुन लेते हैं अपनी खामियां और शिकायतें,
 पर खुद कहां किसी से शिकायत कर पाते हैं?
बहुत कमाल के होते हैं हालातों से टूटे लोग ।
रोज बिखरते हैं रोज संभल जाते हैं।।
सुबक लेते हैं अपनी तन्हाइयों के साथ ही 
वे कहां अपने आंसू किसी को दिखाते हैं?
पर किसी अपने को रोता देखकर, वे अपना सब गम भूल जाते हैं
बन के करुणा का सागर, सब में खुशियां फैलाते हैं 
बड़े कमाल के होते हैं हालातों से टूटे लोग ।
दिल से रोते हैं मगर लबों से मुस्कुराते हैं।।
खुद रहते हैं तन्हा पर अपनों से कहां दूर भागते हैं?
 जब सोती है सारी दुनिया रातों में..ये अकेले जागते हैं 
अपने जख्म छिपाकर ,सब के गम का मरहम बन जाते हैं 
खुद सह लेते हैं सब सीने पर पत्थर रखकर
पर औरों का दुख कहां बढ़ाते हैं?
बहुत कमाल के होते हैं हालातों  से  टूटे लोग।
 जिंदगी भर अकेले रहते हैं ,लेकिन सबका साथ निभाते हैं।।
बिना ख्वाहिशों के जीते हैं,सब्र का घूंट पीते हैं ,
ना लड़ते हैं ना झगड़ते हैं ,बस मौन तमाशा देखते हैं,
कभी जीने की ख्वाहिश में मरते हैं ,कभी मरने की ख्वाहिश में जीते हैं
बड़े कमाल के होते हैं हालातों से टूटे लोग ।खुद रोज मरते हैं पर अपनों के लिए जीते हैं।।

©purvarth #हालात_ए_जिंदगी 
#टूटे_लोग
बहुत कमाल के होते हैं हालातों  से टूटे हुए लोग।
सबको संभालते हैं मगर खुद बिखर जाते हैं।।
खुद के सपनों के कब्रिस्तान पर बैठकर, सबके सपने पूरे करना चाहते हैं,
सो लेते हैं खुद के हाथों का ही तकिया बनाकर, अपना सहारा भी खुद ही बन जाते हैं,
सुन लेते हैं अपनी खामियां और शिकायतें,
 पर खुद कहां किसी से शिकायत कर पाते हैं?
बहुत कमाल के होते हैं हालातों से टूटे लोग ।
रोज बिखरते हैं रोज संभल जाते हैं।।
सुबक लेते हैं अपनी तन्हाइयों के साथ ही 
वे कहां अपने आंसू किसी को दिखाते हैं?
पर किसी अपने को रोता देखकर, वे अपना सब गम भूल जाते हैं
बन के करुणा का सागर, सब में खुशियां फैलाते हैं 
बड़े कमाल के होते हैं हालातों से टूटे लोग ।
दिल से रोते हैं मगर लबों से मुस्कुराते हैं।।
खुद रहते हैं तन्हा पर अपनों से कहां दूर भागते हैं?
 जब सोती है सारी दुनिया रातों में..ये अकेले जागते हैं 
अपने जख्म छिपाकर ,सब के गम का मरहम बन जाते हैं 
खुद सह लेते हैं सब सीने पर पत्थर रखकर
पर औरों का दुख कहां बढ़ाते हैं?
बहुत कमाल के होते हैं हालातों  से  टूटे लोग।
 जिंदगी भर अकेले रहते हैं ,लेकिन सबका साथ निभाते हैं।।
बिना ख्वाहिशों के जीते हैं,सब्र का घूंट पीते हैं ,
ना लड़ते हैं ना झगड़ते हैं ,बस मौन तमाशा देखते हैं,
कभी जीने की ख्वाहिश में मरते हैं ,कभी मरने की ख्वाहिश में जीते हैं
बड़े कमाल के होते हैं हालातों से टूटे लोग ।खुद रोज मरते हैं पर अपनों के लिए जीते हैं।।

©purvarth #हालात_ए_जिंदगी 
#टूटे_लोग