मैंने कब कहा तू हाथाें काे गुलाब दे मिरे आँखाें काे फिर से नया ख़्वाब दे जिहन के सवाल थे बस पूछ लिया हाे सके ताे मिरे बर्बादी के जवाब दे महफ़िल महफ़िल अब मिरी तन्हाई तन्हाई का तुझे अब काैन हिसाब दे यूहीं जलाते रहाे तूम जिन्दगी मिरी खुदा तुझकाे आैर भी हुनर नायाब दे जुर्म रहें तिरे सारे पाेशिदा मिरे हमदम चेहरे पे चेहरा आैर भी कई नकाब दे #NojotoQuote #ख्वाब #गुलाब #जवाब #हिसाब #दर्द #शायरी #ghazal #poetry #love