White सच पर तालो की लम्बी कतारे हैँ जबकि झुठ के दरवाज़े खुले हुए हैँ और उनकी चाबीया किसी काम भी नहीं आ रहीं हैँ इसलिए तुम चाहो तो सच के तालो को झूठ की उन स्वचंड चाबीयो से खोल कर सच से रूबरू हो सकते हो ©Parasram Arora झूठ की चाबीया