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मय-ख़ाने में क्यूँ याद-ए-ख़ुदा होती है अक्सर मस्जि

मय-ख़ाने में क्यूँ याद-ए-ख़ुदा होती है अक्सर
मस्जिद में तो ज़िक्र-ए-मय-ओ-मीना नहीं होता

©Andy Mann
  #मयखाना