बचपन भी कितने कमाल की होती है न कोई tension न कोई उलझन बस चेहरे पे मुस्कान ही मुस्कान हो अगर किसी बात से खफा तो यूं चार मिनट भी नहीं लगते उसे भुलाने में और यूं खिलकर हँसने में !! पर!! जब से बडे़ हुए हैं Tension ही tension है Problem ही problem है अब हर दिन नयी नयी उलझनों में उलझे हुए से रहते हैं न जाने क्यों लोगो के तीखीं जुबान अब कुछ झकझोर करने लगी है कितना भी अब हँस ले ! पर! हँसी के पीछे खमोशी नाम की दीवार खड़ी होने लगी है #बचपन #