कहाँ से बीन के लाओगे उन पत्तो को जो उड़ गए क्रोध की आंधी में कहाँ से छीन के लाओगे उन लम्हों को जो चले गए फिजूल की नादानी में आँख खुली है तो देखो हकीक़त को वर्ना उलझे ही रहना झूटी कहानी में #Aloksharma