आज भी है सबकुछ वही का वही नवीनता की कही से कोई खबर नहीं वही फ़िज़ाएँ वही हवाएं खुशबू भी वही फूल भी वही हैँ भूख प्यास की हालत भी वही है गम ख़ुशी का अहसास भी तो वही है कल तक जिसे खुदा माना था आज भी वही है असली खुदा तोमुझे आज तक दिखा नहीं है दिख भी गया कभी तो उसकी पहचान का कोई संदर्भ भी नहीं है ©Parasram Arora #सब कुछ वही का वही.......